मेरे दिन की शुरुआत करती तुम और वो चाय का प्याला। मेरे दिन की शुरुआत करती तुम और वो चाय का प्याला।
थोड़ी यादें थोड़े कागज़ चाय का प्याला रख के जाओ। थोड़ी यादें थोड़े कागज़ चाय का प्याला रख के जाओ।
कहां तक गाऊं गुण तेरे हुए हैं खतम शब्द मेरे, भले ही जग रचना तेरी मगर यशोदा लाला है त कहां तक गाऊं गुण तेरे हुए हैं खतम शब्द मेरे, भले ही जग रचना तेरी मगर यश...
बस एक चुस्की गरम चाय की, और फिर शुरू बाते गुड मॉर्निंग की ! बस एक चुस्की गरम चाय की, और फिर शुरू बाते गुड मॉर्निंग की !
एक बूढ़ी, बेबस, लाचार माँ के मन की कल्पना एक बूढ़ी, बेबस, लाचार माँ के मन की कल्पना
इंद्र धनुष सा देश लगेगा रंग अबीर गुलाल उड़ेंगे। इंद्र धनुष सा देश लगेगा रंग अबीर गुलाल उड़ेंगे।